माँ के बिछड़ने का दर्द न सह सका बेटा: मानसिक संघर्ष ने छीनी राकेश की जिंदगी
झाँसी में एक बेहद दर्दनाक घटना सामने आई जहाँ एक युवक ने अपनी जान गंवा दी, बताया जा रहा है कि युवक पिछले एक साल से गहरे डिप्रेशन में था, उसकी माँ का निधन एक साल पहले हुआ था, जिसके बाद से वह खुद को संभाल नहीं पा रहा था, माँ के जाने के ग़म ने उसे अंदर से पूरी तरह तोड़ दिया था। परिवार वालों ने कई बार उसे सामान्य जीवन में लौटने की कोशिश की लेकिन वह गुमसुम रहने लगा था, दोस्तों और रिश्तेदारों से भी उसका मेलजोल धीरे-धीरे कम हो गया था। हर दिन वह अपनी माँ को याद कर आँसू बहाया करता था।
पूरा मामला पूँछ थाना क्षेत्र के ग्राम मडोरा खुर्द का है जहाँ के निवासी राकेश कुमार पुत्र वीरेंद्र प्रजापति उम्र करीब 35 वर्ष ने देर रात खिल्ली और अमरौख के बीच रेलवे ट्रैक पर ट्रेन के आगे कुंद गया, ट्रेन के आगे कूदते ही उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, सूचना मिलते ही पूँछ पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
एक साल तक चला दर्द का संघर्ष-------
पुलिस ने शुरुआती जांच में इसे आत्महत्या का मामला बताया है। युवक के परिवार में इस घटना के बाद कोहराम मच गया। माँ के निधन से लेकर अब तक का उसका मानसिक संघर्ष सबकी आँखों को नम कर गया। स्थानीय लोगों और परिजनों का कहना है कि अगर समय पर उसे सही काउंसलिंग और भावनात्मक सहारा मिल जाता, तो शायद वह इस कदम को नहीं उठाता। यह घटना एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर कर रही है कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समाज में कितनी जागरूकता की जरूरत है, मृतक राकेश की दो बेटियां वा एक बेटा है।
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